डॉ. जगदीश गांधी
परमात्मा का अनुभव तो अतिव्यापक और परम विराट है। ऐसा नहीं है कि जिन्होंने जाना, उन्होंने कहा नहीं। उन्होंने खूब कहा, बार-बार कहा, फिर भी जो कहना चाहते थे, वह नहीं कह पाए। इसीलिए उन्होंने अपनी सारी कथनी के निष्कर्ष में बस इतना ही कहा कि जो मैंने अनुभव करके जाना, उसे तुम अनुभव करके…
jagdish gandhi
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